गुजरात अब वर्ल्ड टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनेगा

    ૨૧-જુલાઇ-૨૦૨૦
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# पर्यटन क्षेत्रों व तीर्थ स्थलों के १२६ करोड़ के विभिन्न विकास कार्यों का सीएम ने किया ई-लोकार्पण और भूमिपूजनः केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री दिल्ली से वीडियो लिंक के जरिए रहे मौजूद
 
# सर्वाधिक रोजगार मुहैया कराकर आर्थिक वृद्धि में नई ताकत बनकर उभरा पर्यटन क्षेत्र

# प्रसाद योजना के तहत सोमनाथ में ४५ करोड़ के यात्री सुविधा कार्यों का किया लोकार्पण
 
# जूनागढ़ ऊपरकोट किले में ४५ करोड़ के विभिन्न कार्यों, रैयोली डायनासोर म्यूजियम के चरण-२ के २० करोड़ के कार्य, धोरड़ो सफेद रण में १० करोड़ के विकास कार्यों सहित ववाणिया श्रीमद राजचंद्र भवन के लिए ६.२६ करोड़ के कार्य और वीर मेघमाया स्मारक भवन के ३ करोड़ के कार्यों का किया भूमिपूजन
 
मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी ने गुजरात में विभिन्न पर्यटन केंद्रों की पूरी पर्यटन सर्किट बनाकर गुजरात को वर्ल्ड टूरिस्ट डेस्टिनेशन बनाने की मंशा व्यक्त की है। गुरुवार को पर्यटन विभाग की ओर से आयोजित ई-लॉन्चिंग कार्यक्रम में राज्य के पर्यटन एवं तीर्थ स्थलों के कुल १२६.९६ करोड़ रुपए के विभिन्न विकास कार्यों का गांधीनगर से ई-लोकार्पण एवं भूमिपूजन करते हुए उन्होंने यह बात कही।
 
श्री रूपाणी ने भारत सरकार की प्रसाद योजना के अंतर्गत द्वादश ज्योतिर्लिंग के प्रथम एवं करोड़ों हिन्दुओं की श्रद्धा-आस्था के केंद्र सोमनाथ धाम में ४५ करोड़ रूपए के यात्री सुविधा कार्यों का ई-लोकार्पण किया था।
 
इस अवसर पर केंद्रीय पर्यटन राज्यमंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने नई दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शिरकत कर शुभकामाएं दी।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सोमनाथ ज्योतिर्लिंग, सासनगिर, सिंह दर्शन, गिरनार पर्वत, ऊपरकोट और सोमनाथ के समुद्री तट जैसे पर्यटन स्थानों की जोड़ने वाली पर्यटन सर्किट बनाने की दिशा में विचार कर रही है।
 

उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में गिरनार पर्वत पर शुरू होने वाला रोप-वे इस समूचे पर्यटन क्षेत्र का नया नजराना बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोमनाथ में विकसित की जाने वाली इन सुविधाओं के अंतर्गत विशाल पार्किंग, सामुदायिक रसोई, पर्यटन सूचना केंद्र, सोमनाथ म्यूजियम और पुस्तकालय सहित विश्व स्तरीय सुविधाएं स्थापित कर गुजरात और केंद्र सरकार तथा सोमनाथ ट्रस्ट इस यात्राधाम के सर्वांगीण पर्यटन विकास के लिए निरंतर कार्यरत हैं।
 
उन्होंने राज्य के ऐसे धार्मिक स्थलों सहित पर्यटन केंद्रों और तीर्थ क्षेत्रों का सर्वांगीण विकास कर दुनिया के पर्यटन मानचित्र में देदीप्यमान बनाने की प्रतिद्धता जतायी।
 
उन्होंने साफ कहा कि सर्विस सेक्टर में विशेषकर टूरिज्म सेक्टर सर्वाधिक रोजगार मुहैया कराकर आर्थिक वृद्धि में नई ताकत के तौर पर उभर रहा है।
 
उन्होंने कहा कि गुजरात में पर्यटन स्थलों और तीर्थ क्षेत्रों की जो विविधता है, वह दुनियाभर के सैलानियों को आकर्षित करती है। वहीं, पिछले दो वर्ष में टूरिज्म सेक्टर के तीव्र विकास से रोजगार सहित आर्थिक वृद्धि में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
 
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण के साथ और उसके खिलाफ सतर्कता से जीना सीखकर प्रधानमंत्री के मंत्र ‘जान भी, जहान भी’ का पालन करते हुए राज्य में रोजाना की गतिविधियों और विकास की गति को थमने नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि ऐसे ई-लोकार्पण और भूमिपूजन की श्रृंखलाओं से गुजरात विकास के मार्ग पर आगे बढ़ा है। गुजरात न झुका है न रुका है। आपदा को अवसर में पलटने के ऐसे संस्कार हमने विकसित किए हैं।
 

 
श्री रूपाणी ने जूनागढ़ के ऐतिहासिक ऊपरकोट किले में मौजूद अलग-अलग ढांचों के संरक्षण एवं पुनरुद्धार के कार्य सहित लाइट एंड साउंड शो और मूलभूत पर्यटन सुविधाओं के कुल ४५ करोड़ रुपए के कार्यों का ई-भूमिपूजन भी किया।
उन्होंने महिसागर जिले के बालासिनोर के निकट स्थित रैयोली गांव में २० करोड़ रुपए की लागत से डायनासोर म्यूजियम के दूसरे चरण के कार्यों का ऑनलाइन भूमिपूजन किया। गौरतलब है कि रैयोली दुनिया के उन चुनिंदा स्थलों में से एक है जहां प्रागैतिहासिक डायनासोर के अवशेष मिले थे।
 
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि यह डायनासोर पार्क संग्रहालय प्रागैतिहासिक शोध करने वाले दुनिया के शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए बेहद उपयोगी साबित होगा साथ ही स्कूल-कॉलेज के छात्रों के पर्यटन केंद्र के रूप में भी इसका विकास होगा।
 
मुख्यमंत्री ने कच्छ के धोरडो स्थित सफेद रण में १० करोड़ रूपए की लागत से निर्मित होने वाले यात्री सुविधा के स्थायी कार्य जैसे पार्किंग, वाहन, रोड वाइडनिंग जैसे कार्यों का ई-भूमिपूजन करते हुए कच्छ के सफेद रण के इस अनूठे नजराने को विश्व पर्यटन के नक्शे पर स्थापित करने का श्रेय प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता को दिया।
 
उन्होंने कच्छ नहीं देखा, तो कुछ नहीं देखा की प्रसिद्ध पंक्ति को सार्थक करने के लिए समग्र कच्छ में भी एक टूरिज्म सर्किट का निर्माण करने का जिक्र किया।
 
इस संदर्भ में मुख्यमंत्री ने कहा कि धोरडो सफेद रण घूमने आने वाले पर्यटकों को स्मृति वन, श्यामजी कृष्ण वर्मा स्मारक, भुजियो डूंगर, मांडवी का समुद्र तट, माता ना मढ़ एवं नारायण सरोवर व पंचतीर्थ जैसे टूरिज्म स्पॉट का लाभ मिले इसके लिए यह टूरिज्म सर्किट विकसित करने को राज्य सरकार प्रयासरत है।
 
मुख्यमंत्री ने मोरबी के ववाणिया में श्रीमद राजचंद्र भवन के विकास के लिए ६ करोड़ के कार्यों का ई-भूमिपूजन किया। उन्होंने श्रीमद राजचंद्र जी की आधुनिक समय में केवल ज्ञान-साक्षात्कार करने वाले आध्यात्मिक गुरु के तौर पर वंदना करते हुए यह विश्वास जताया कि श्रीमद राजचंद्र जी का यह जन्म स्थान आने वाली पीढ़ियों के लिए आत्मा से परमात्मा के मिलन का उर्ध्वगामी केंद्र बनेगा।
 
श्री रूपाणी ने उत्तर गुजरात के पाटन में वीर मेघमाया स्मारक भवन के ३ करोड़ रूपए के विभिन्न सुविधा विकास के कार्यों का भी ई-भूमिपूजन किया। उन्होंने सदियों पहले लोगों की प्यास बुझाने के लिए वीरर मेघमाया द्वारा दिए गए बलिदान का उल्लेख किया।
 
पर्यटन मंत्री श्री जवाहरभाई चावड़ा ने ई-लोकार्पण व भूमिपूजन के अवसर पर सभी का स्वागत किया और पर्यटन विकास की अनेक योजनाओं का ब्यौरा दिया।
 
इस ई-लोकार्पण व भूमिपूज के अवसर पर यात्राधाम विकास मंत्री श्री दिलीपकुमार ठाकोर, राज्य मंत्री श्री वासणभाई आहिर और विभावरीबेन दवे तथा वीर मेघमाया स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष और सांसद डॉ. किरीट सोलंकी, राजचंद्र मिशन के भरतभाई मोदी और पर्यटन सचिव श्रीमती ममता वर्मा, पर्यटन निगम के प्रबंध निदेशक जेनु देवन उपस्थित थे।
 
सोमनाथ, जूनागढ़, कच्छ, पाटन और बालासिनोर से संबंधित क्षेत्र के सांसद, विधायक, पदाधिकारी एवं सोमनाथ ट्रस्ट के ट्रस्टी श्री पी. के. लहेरी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से जुड़े थे।